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Friday, May 22, 2020

May 22, 2020

भारत का स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947) समय सारणी के साथ PART -02 /आधुनिक भारत में घटित सभी घटनाओ को क्रमवार समय सारणी मे रीड करने को मिलेगा।


    आधुनिक भारत का इतिहास


इस अंक मे आपको आधुनिक भारत में घटित सभी घटनाओ को क्रमवार समय सारणी मे रीड करने को मिलेगा।


      भारत का स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)
समय सारणी के साथ-02 
     Freedom struggle of India with   timeline








Ø 1917 -
गांधीजी-
·      गांधीजी अहमदाबाद मे साबरमती नदी के किनारे साबरमती आश्रम मे रहने लगे थे । 
·      1917 ईस्वी के आसपास बिहार मे किशानों की स्थिति बहुत दयनिय थी किशानों से नील की खेती कारवाई जाती थी, बिहार से एक व्यक्ति राजकुमार शुक्ल गांधी जी के पास पहूँचेऔर बिहार की समस्याओ के बारे मे बताया। इस तरह से गांधीजी ने पहली बार 1917 ईस्वी मे भारत मे अपने प्रयोगो की सुरुआत की।
·       इस तरह से गांधीजी ने 1917 ईस्वी मे बिहार के चंपारण नामक स्थान पर चंपारण आंदोलन की सुरुआत की । इससे अंग्रेज़ गांधीजी के खिलाफ होकर उन्हे जेल मे डाल दिया।
·      यह गांधीजी का पहला सफल आंदोलन था।
Ø 1918 –
·      अहमदाबाद मिलो के मजदूरो ने वेतन को ज्यादा करने (50%) के लिए आंदोलन करने लगे, जबकि मालिक केवल 20% के लिए राजी थे ।
·      गांधीजी ने 35% पर मजदूरो और मालिक को राजी किया, इससे यह गांधीजी का दूसरा सफल आंदोलन कहा जाता है।
·      1918 ईस्वी मे ही खेड़ा मे खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन को गांधीजी ने अपना तीसरा सफल आंदोलन बनाया ।  इस आंदोलन मे गांधीजी ने सरदार वल्ल्भभाईपटेल को कुछ जिम्मेदारियाँ दी थी ।
 Sardar Ballabh Bhai patel  सरदार ...

Ø 19 मार्च 1919 –
·      रालेट एक्ट अंग्रेज़ो के द्वारा पास किया गया जिसमे संदेह के आधार पर किसी को गिरफ्तार किया जा सकता था। इसे काला कानून के नाम से भी जाना जाता था । 
·      लाहोर मे इसका विरोध किया जा रहा था फलस्वरूप सत्यपाल और शैफुद्दीन किचलू नामक क्रांतिकारिओ को गिरफ्तार किया गया था ।
Ø 13 अप्रैल 1919 –
                              ·            दोनो  क्रांतिकारिओ के गिरफ्तारी के बाद पंजाब के अमृतसर मे एक सभा रखी गई जिसकी अंग्रेज़ अधिकारिओ ने अनुमति नही दी थी ।
                              ·            इसलिए अंग्रेज़ सेनापतिओ ने 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को  बिना कुछ सोचे समझे उनकी सभा पर अंधाधुंध गोली चलवादी इसे इतिहास मे जलियाँवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना जाता है ।
                              ·            जलियाँवाला बाग हत्याकांड मे लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल माइकल ओ डायर और और अमृतसर के सेना का नेतित्व जनरल डायर(सेना प्रमुख) के हाँथो मे था ।
                              ·            जलियाँवाला बाग हत्याकांड की जांच करने के लिए हंटर आयोग की स्थापना की गई थी ।
                              ·            इसके विरोध मे गांधीजी मे केसर –ए –हिन्द की उपाधि और रवीद्र नाथ टैगोर ने नाइट –हुड की उपाधि त्याग दी ।  
Ø 1919 –
·      भारत के कट्टर मुसलमान तुर्की(जहा पर खलीफा,इस्लामिक शासन था ) को अपना प्रमुख मानते थे ।
·      प्रथम विश्व युद्ध (1914 -1918) हुआ था, फलस्वरूप आटोमान साम्राज्य या तुर्की वाले क्षेत्र को अंग्रेज़ो ने पूरी तरह से नस्ट कर खलीफा सासन को खत्म करके सेकुलर सासन स्थापित कर दिया था । इससे भारत के कट्टर मुसलमान विरोध करने लगे थे ।
·      फलस्वरूप मुस्लिमो ने शोकतअली और मोहम्म्द अली के नेतित्व मे साल 1919-1922 ईस्वी को अंग्रेज़ो के खिलाफ खिलाफत आंदोलन की सुरुआत कर दी । यहाँ से पहली बार कट्टर मुस्लिमो ने अंग्रेजो का विरोध किया था, इसलिए गांधीजी भी इनका समर्थन किया।



Ø 1 अगस्त 1920 –
                              ·            खिलाफत आंदोलन के साथ मे ही गांधीजी ने 1 अगस्त 1920 ईस्वी मे असहयोग आंदोलन(BEIC का सहयोग नही करना) की सुरुवात की। 
Ø 5 फरवरी 1922 –
·      इस तिथि को घोरखपुर मे चोरी –चोरा नामक स्थान पर अंग्रेज़ पुलिश कर्मीओ को जिंदा जला दिया गया जिसे इतिहास मे चोरी –चोरा कांड के नाम से जाना जाता है ।
·      इससे गांधीजी नाराज होकर असहयोग आंदोलन स्थगित कर देते है, इससे बहुत सारे लोग अपने अलग –अलग पार्टियां बनाने लगे पहले गांधीजी के समर्थन मे थे ।
Ø 1923 –
·      स्वराज पार्टी की स्थापना हुई मोतीलाल नेहरू(जवाहरलाल नेहरू के पिता जी) और चितरंजन दास जी ने की थी।
मोतीलाल नेहरू

OTHER पोस्ट्स-

☆   मुगल साम्राज्य

☆  आधुनिक भारत का इतिहास समय शारणी  के साथ 

☆   1857 ईस्वी की क्रांति और क्रांति

☆   आधुनिक भारत के प्रमुख समाज सुधारक 

☆  आधुनिक भारत के प्रमुख सामाजिक विद्रोह 


Sunday, May 17, 2020

May 17, 2020

भारत का स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947) समय सारणी के साथ/आधुनिक भारत में घटित सभी घटनाओ को क्रमवार समय सारणी मे रीड करने को मिलेगा।


आधुनिक भारत का इतिहास


इस अंक मे आपको आधुनिक भारत में घटित सभी घटनाओ को क्रमवार समय सारणी मे रीड करने को मिलेगा।

 भारत का स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)
समय सारणी के साथ-01 
     Freedom struggle of India with   timeline



     ·    भारत मे 1857 से लेकर 1885 ईस्वी तक कुछ खास बदलाव नहीं आया था।

काँग्रेस का गठन 1885 ईस्वी -
·     1885 ईस्वी मे एक अंग्रेज़ अधिकारी A.O हुम्स, दादाभाईनोरोजी और wc बैनर्जी के साथ मिलकर के काँग्रेस का गठन किया।
·    28 दिसंबर 1885 ईस्वी को काँग्रेस का प्रथम सम्मेलन बंबई के तेजपाल संस्कृत कालेज मे हुआ था ।
·      इस समय वायसराय लार्ड डफरिन थे। 
·      अक्सर काँग्रेस के गठन पर विवाद रहता है। 


इतिहास को 1857 -1947 तक तीन भागो मे बांटा दिया गया था।

1.  उदरवादी युग या नरमपंथी चरण (1885-1905)– इस मे बुजुर्ग लोग सामील थे ये लोग अंग्रेज़ जो कर रहे थे उनके साथ मे थे।

2.  गरमपंथी या उग्र चरण (1905 -1917)- 1905 ईस्वी मे बंगाल के विभाजन के बाद लोगो मे आक्रोश पैदा होजता है । और अंग्रेजो के खिलाफ हथियार लेकर खणे हो जाते है।

3. गांधी युग (1917 -1947)- 1915 ईस्वी मे महात्मा गांधी जी के आने के बाद पूरी काँग्रेस गांधी जी के हाथो मे चली जाती है।
Ø भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस एक लंबा संघर्ष था जिसकी ओपचारिक शुरुआत 1885 ईस्वी मे काँग्रेस की स्थापना के साथ हुई थी।

गरमदल और नरम दल के लोगो के नाम ...............

INDIAN FREEDOM STRUGGLE TIMELINE

Ø 1885 – भारतीय राष्टिय काँग्रेस की स्थापना दिसंबर 1885 ईस्वी मे हुई A.O ह्यूम के द्वारा जो एक ICS अधिकारी था । और इसके अध्क्षय W.C बनर्जी थे।

Ø 1905 – इस सत्र मे बंगाल वाले क्षेत्र मे बहुत सारे सामाजिक आंदोलन होने लगते है, राजनीतिक पुनर्जागरण सुरू हो गया था, इससे अंग्रेज़ डर कर बंगाल का विभाजन लार्ड कर्ज़न के द्वारा पूर्वी बंगाल (मुस्लिमो) और पश्चिमी बंगाल (हिन्दुओ) के रूप कर दिया।
·  इस विभाजन का बहुत सारे लोगो ने विरोध कीया इसके खिलाफ स्वदेशी आंदोलन चलाया गया।
· बंगाल के विभाजन 16 अक्टूबर 1905 ईस्वी को शोक दिवस के रूप मे माना गया।

Ø 1906 – ढाका मे मुस्लिम लीग के स्थापना की गई आगा खां और सलीम खां के नेतित्व मे, इसमे भी माना जाता है की पीछे से अंग्रेज़ो का ही हाथ था। उन्होने कहा की आप लीग की स्थापना करके काँग्रेस जोकि हिन्दुओ का है के समान अपनी अलग पार्टी बनाए।

Ø 1907 – कांग्रेस का विभाजन/अधिवेशेन(बैठक या सम्मलेन) सूरत मे हुआ, यहाँ गरम दल और नरम दल अलग-अलग हो गए।

Ø 1909 – मार्ले मिंटो सुधार (GOI ACT 1909) आया जिसमे मुस्लिमो को प्रथक निर्वाचन (सांप्रदायिक निर्वाचन) दिया जाय।

Ø 1911 – बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया वायसराय लार्ड हार्डिंग दूतीय के समय इंग्लंड के राजा जार्ज पंचम भारत आए थे उन्होने राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली परिवर्तित कर दिया और बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया।
· दिसंबर 1911 को घोषणा हो गई थी की दिल्ली को राजधानी बनाया जाएगा, अप्रैल 1912 मे दिल्ली पूर्ण रूप से राजधानी बनी।

Ø 9 जनवरी 1915 – महात्मागांधी द. अफ्रीका से भारत वापस आए थे। जिसे आज के समय प्रवासी भारतीय दिवस के रूप मे मनाया जाता है। 
·      महात्मागांधी ने 1895 -1915 तक अफ्रीका मे अंग्रेज़ो के खिलाफ काफी आंदोलन किए थे इसलिए भारत के लोग गांधी जी को बुलाना चाहते थे नरम दल के नेता गोपाल कृष्ण गोखले जी ने एक क्रिश्चन पुजारी जो गांधी जी के मित्र थे को कहा की वो गांधी जी को भारत लाये।
·      गोपाल कृष्ण गोखले के राजनीतिक गुरु एमके रानाडे थे।

Ø दिसंबर 1916 – इस समय होम रुल लीग की स्थापना की गई, होम रुल की स्थापना मद्रास मे एनिबेसेंट ने और बेलगांव मे तिलिक ने किया था।
·      1916 ईस्वी मे ही काँग्रेस और मुस्लिम लीग की लखनऊ मे समझोता हो गया जिसे लखनऊ समझोता कहा जाता है।


Tuesday, May 12, 2020

May 12, 2020

आधुनिक भारत में घटित प्रमुख विद्रोह और गठित महत्वपूर्ण आयोग और मिशन ।

इस अंक मे आपको आधुनिक भारत में घटित प्रमुख युद्ध तथा विद्रोह और आधुनिक भारत में गठित प्रमुख आयोग तथा समितिओ के बारे मे रीड करने को मिलेगा।

आधुनिक भारत में घटित प्रमुख युद्ध,विद्रोह-

सन्यासी विद्रोह (1760 -1800 )-
  • यह विद्रोह अंग्रेजो के खिलाप सबसे पहला विद्रोह माना जाता है।
  •  यह विद्रोह बिहार और बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था। 
  • इसके नेता केनासरकार और डिर्जिनारायण नाम के व्यक्ति थे। 
  • बंगाल वाले क्षेत्र के लेखक बंकिमचंद्रचटोपाध्याय ने आनंद मठ नाम की पुस्तक लिखी थी, इस पुस्तक में वन्देमातरम का नारा भी है। 



नीलविद्रोह 1883 ईस्वी -

  • यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था। 
  • इसका नेतित्व तुरुत सिंह ने किया था । 
  • इस विद्रोह पर नील दर्पण नाम की पुस्तक लिखी गई । 

संथाल विद्रोह 1855-1856 ईस्वी -

  • यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था। 
  • यह युद्ध सिद्धु और कान्हु नाम के दो आदिवासीओ ने किया था। 
मोपला विद्रोह 1920-1922  ईस्वी -
  • यह युद्ध मालाबार और केरल के तट पर हुआ था। 
  • इस युद्ध का नेतित्व अली और मुसलियार नाम के व्यक्तियो ने किया था। 
कूका विद्रोह (पंजाब)-
  • इस विद्रोह का नेतित्व भगत जवाहरमल ने किया था। 
रंपाओं विद्रोह (1879-1922)-
  • यह विद्रोह आँध्रप्रदेश में हुआ था। 
  • इस विद्रोह का नेतित्वकर्ता सीताराम जाजू थें। 
तेभागा आंदोलन 1946 ईस्वी -
  • यह विद्रोह बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था। 
  • इस विद्रोह के नेतित्व कर्ता कंपाराम भवन सिंह थें। 

आधुनिक भारत में गठित प्रमुख आयोग- 
इनामआयोग (1882 ईस्वी)- 
  • इस आयोग का गठन डलहौजी के समय हुई थी.
  • यह आयोग भूमि सम्बन्धी विवेचना करता था.
हंटर आयोग (1882 ईस्वी )-

  • इस आयोग का गठन लार्ड रिपन के समय हुई थी.
  • यह आयोग शीक्षा के विकाश के लिए थी। 
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट(1878 ईस्वी)-
  • यह अधिनियम लॉर्ड लिटन द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
  • वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट  को भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने और ब्रिटिश नीतियों के प्रति आलोचना की अभिव्यक्ति को रोकने के लिए लागू किया गया था
इल्बर्ट बिल 1883 ईस्वी -
  • इल्बर्ट बिल मार्कोस ऑफ रिपन की वाइसरायशिप के दौरान पेश किया गया एक बिल था.जिसे सर कर्टेन पेरेगिन इल्बर्ट (वायसराय काउंसिल के कानून सदस्य) ने लिखा था।
  • इल्बर्ट बिल में वरिष्ठ भारतीय मजिस्ट्रेटों को भारत में ब्रिटिश विषयों से जुड़े मामलों की अध्यक्षता करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
बटलर समिति (1927 ई.) -
  • भारतीय राज्य समिति ने सर हार्टकोर्ट बटलर की अध्यक्षता में 1927 में एक समिति गठित की थी । 
  •  इस समिति का गठन परमसत्ता और देशी राजाओं के बीच के संबंधों की जांच और स्पष्टीकरण के लिया किया गया था। 
क्रिप्स मिशन मार्च 1942 ईस्वी -
  • क्रिप्स मिशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा ब्रिटिश संसद सदस्य तथा मजदूर नेता सर स्टेफ़र्ड क्रिप्स के नेतृत्व में  में भारत भेजा गया था, जिसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक गतिरोध को दूर करना था।
कैबिनेट मिशन मार्च, 1946-
  •  भारत की राजनीति परिस्थिति का अध्ययन करने और समस्या का निदान खोजने के लिए ब्रिटिश संसद ने एक प्रतिनिधिमंडल मार्च, 1946 को भेजा. इस प्रतिनिधिमंडल ने Lord Wavell तथा भारतीय नेताओं से मिलकर एक योजना तैयार की जिसे “कैबिनेट मिशन/Cabinet Mission” के नाम से जाना जाता है.
1854 का चार्ल्स वुड डिस्पैच-
  • सर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के “बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल” के सभापति थे। चार्ल्स वुड के डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा गया।

    भारत में अंग्रेजी शिक्षा के वुड्स ...
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