आधुनिक भारत का इतिहास
इस अंक मे आपको आधुनिक भारत में घटित सभी घटनाओ को क्रमवार समय सारणी मे रीड करने को मिलेगा।
भारत का स्वतंत्रता संग्राम (1857-1947)
समय सारणी के साथ-02
Ø 1917 -
गांधीजी-
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गांधीजी
अहमदाबाद मे साबरमती नदी के किनारे साबरमती आश्रम मे रहने लगे थे ।
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1917
ईस्वी के आसपास बिहार मे किशानों की स्थिति बहुत दयनिय थी किशानों से नील की खेती
कारवाई जाती थी, बिहार से एक व्यक्ति राजकुमार शुक्ल गांधी जी के पास पहूँचेऔर
बिहार की समस्याओ के बारे मे बताया। इस तरह से गांधीजी ने पहली बार 1917 ईस्वी मे
भारत मे अपने प्रयोगो की सुरुआत की।
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इस तरह से गांधीजी ने 1917 ईस्वी मे बिहार के
चंपारण नामक स्थान पर चंपारण आंदोलन की सुरुआत की । इससे अंग्रेज़ गांधीजी के
खिलाफ होकर उन्हे जेल मे डाल दिया।
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यह गांधीजी
का पहला सफल आंदोलन था।
Ø 1918 –
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अहमदाबाद
मिलो के मजदूरो ने वेतन को ज्यादा करने (50%) के लिए आंदोलन करने लगे, जबकि मालिक केवल 20% के
लिए राजी थे ।
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गांधीजी
ने 35% पर मजदूरो और मालिक को राजी किया, इससे यह गांधीजी का दूसरा सफल आंदोलन कहा जाता है।
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1918
ईस्वी मे ही खेड़ा मे खेड़ा सत्याग्रह आंदोलन को गांधीजी ने अपना तीसरा सफल आंदोलन
बनाया । इस आंदोलन मे गांधीजी ने सरदार वल्ल्भभाईपटेल को कुछ जिम्मेदारियाँ दी थी ।
Ø 19 मार्च 1919 –
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रालेट
एक्ट अंग्रेज़ो के द्वारा पास किया गया जिसमे संदेह के आधार पर किसी को गिरफ्तार
किया जा सकता था। इसे काला कानून के नाम से भी जाना जाता था ।
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लाहोर
मे इसका विरोध किया जा रहा था फलस्वरूप सत्यपाल और शैफुद्दीन किचलू नामक
क्रांतिकारिओ को गिरफ्तार किया गया था ।
Ø 13 अप्रैल 1919 –
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दोनो क्रांतिकारिओ के गिरफ्तारी के बाद पंजाब के
अमृतसर मे एक सभा रखी गई जिसकी अंग्रेज़ अधिकारिओ ने अनुमति नही दी थी ।
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इसलिए
अंग्रेज़ सेनापतिओ ने 13 अप्रैल 1919 ईस्वी को
बिना कुछ सोचे समझे उनकी सभा पर अंधाधुंध गोली चलवादी इसे इतिहास मे
जलियाँवाला बाग हत्याकांड के नाम से जाना जाता है ।
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जलियाँवाला
बाग हत्याकांड मे लेफ्टिनेंट गवर्नर जनरल माइकल ओ डायर और और अमृतसर के सेना का
नेतित्व जनरल डायर(सेना प्रमुख) के हाँथो मे था ।
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जलियाँवाला
बाग हत्याकांड की जांच करने के लिए हंटर आयोग की स्थापना की गई थी ।
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इसके
विरोध मे गांधीजी मे केसर –ए –हिन्द की उपाधि और रवीद्र नाथ टैगोर ने नाइट –हुड की
उपाधि त्याग दी ।
Ø 1919 –
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भारत
के कट्टर मुसलमान तुर्की(जहा पर खलीफा,इस्लामिक शासन था ) को अपना प्रमुख मानते थे ।
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प्रथम
विश्व युद्ध (1914 -1918) हुआ था, फलस्वरूप आटोमान साम्राज्य या तुर्की वाले क्षेत्र को अंग्रेज़ो
ने पूरी तरह से नस्ट कर खलीफा सासन को खत्म करके सेकुलर सासन स्थापित कर दिया था ।
इससे भारत के कट्टर मुसलमान विरोध करने लगे थे ।
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फलस्वरूप
मुस्लिमो ने शोकतअली और मोहम्म्द अली के नेतित्व मे साल 1919-1922 ईस्वी को
अंग्रेज़ो के खिलाफ खिलाफत आंदोलन की सुरुआत कर दी । यहाँ से पहली बार कट्टर
मुस्लिमो ने अंग्रेजो का विरोध किया था, इसलिए गांधीजी भी इनका समर्थन किया।
Ø 1 अगस्त 1920 –
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खिलाफत
आंदोलन के साथ मे ही गांधीजी ने 1 अगस्त 1920 ईस्वी मे असहयोग आंदोलन(BEIC का सहयोग नही करना) की
सुरुवात की।
Ø 5 फरवरी 1922 –
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इस
तिथि को घोरखपुर मे चोरी –चोरा नामक स्थान पर अंग्रेज़ पुलिश कर्मीओ को जिंदा जला
दिया गया जिसे इतिहास मे चोरी –चोरा कांड के नाम से जाना जाता है ।
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इससे
गांधीजी नाराज होकर असहयोग आंदोलन स्थगित कर देते है, इससे बहुत सारे लोग अपने
अलग –अलग पार्टियां बनाने लगे पहले गांधीजी के समर्थन मे थे ।
Ø 1923 –
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स्वराज
पार्टी की स्थापना हुई मोतीलाल नेहरू(जवाहरलाल नेहरू के पिता जी) और चितरंजन दास
जी ने की थी।
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