आधुनिक भारत का इतिहास PART- 1
अगर हिस्ट्री SUBJUCT की बात आती है तो आधुनिक भारत का नाम सबसे पहले आता है इसलिए इस अंक में इस टोपीक के सारे पॉइंट्स को डीटेल्स पॉइंट्स में कवर किया गया है, इस आर्टिकल में आप लोगो को आधुनिक भारत के इतिहास के बारे में डीटेल्स से बताया गया है। सारे टॉपिक्स टू पॉइंट्स वाइज कवर किया गया है जिससे आपको रीड करने में आसानी हो।
→ स्वाधीनता संघर्ष (1857-1947)
- इस घटना के सभी काल क्रमों (TIME LINE) को निचे दिया गया है, जिससे समझने में काफी आसानी होगी।
- समझने के अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक मानचित्रो का प्रयोग किया गया है।
→ स्वाधीनता संघर्ष (1857-1947)
1. ब्रिटिश कंपनी का साम्राज्य (1600-1857)
यूरोपियों का भारत में आरम्भ-
कहानीे आज से 400 -500 साल पहले की है, जब भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था अवं भारत के साथ सभी देशो के व्यापारी प्रवल ईच्छा से भारत के साथ व्यापार करना चाहते थे।
आटोमन साम्राज्य(लगभग 1400 से 1600 ईस्वी )- यह यूरोप , एशिया, अफ्रीका यानी भूमध्य सागर के आसपास की भूमि के पश्चिमी, मध्य पूर्व महादेशों में फैला हुआ साम्राज्य था। यह, साम्राज्य तुर्को द्वारा बनाया गया था ओटोमन साम्राज्य ने यूरोप, एशिया और अफ्रीका में व्यापार और राजनीति को नियंत्रित प्राप्त किया था ।
इनके साम्राज्य के कारण यूरोपीय व्यापारी जैसे इंग्लॅण्ड, पुर्तगाल, डच आदि देशो के लोगो को व्यापार करने में कठिनाई होती थी,या यूं कहे की यह लोग इन देशो के व्यापर करने के मार्ग में अवरूद्दीयाँ पैदा कतरें थे।इन देशो को भारत के साथ व्यापर करना था इसलिए इन व्यापारिओ ने भारत के लिए नए मार्ग की तलाश प्रारम्भ कर दी।
युरोपीओ के द्वारा इंडिया के लिए मार्ग की खोज -
- इटली का क्रिस्टोपस कोलंबस-1492 ईस्वी में इटली का क्रिस्टोपास कोलंबस नाम का यात्री भारत को खोजने समुन्द्र मार्ग से निकला -
- इंडिया को खोजने निकला, परन्तु रास्ता भटककर पक्षिम की ओर गया और उसने वेस्ट इंडीज, ऊ अमेरिका(नई दुनिया), द. अमेरिका आदि नए देशो/महाद्वीपों की खोज की।
2. पुर्तगाल का वास्कोडिगामा- 1498 ईस्वी में पुर्तगाली यात्री वास्कोडिगामा समुंद्री मार्ग से अफ्रीका महाद्वीप से होते हुए भारत पंहुचा
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- वास्कोडिगामा भारत से वस्तुओ को अपने यहाँ 40 गुना दाम में बेंचा और कई बार आया।
- वास्कोडिगामा केप ऑफ गुड होप, अफ्रीका के दक्षिणी कोने से होते हुए भारत पहुँचा।
- वास्कोिडिगामा भारत में केरल के कालीकट पर 20 मई 1498 को पहुंचा।
BHARAT ME यूरोपीय लोगो का आगमन -
- 1498 में पुर्तगाली- वास्कोडिगामा, केरल (कालीकट)
- 1595 में डच -पुलिकत, केरल
- 1608 में ब्रिटिश या अंग्रेज -सूरत में ट्रेडिंग पोस्ट या व्यापार नाका
- 1616 में डेनिश/डेनमार्क -तमिलनाडु (त्रेंकेबार/तमिलनाडु)
- 1664 में फ्रेंच या फ्रांसीसी (पांडुचेरी)
- स्वीडिश
TRICK TO LEARN- पुत्र डाबी तुम्हारे डैड फंस गए
पुत्र =पुर्तगाल, डा =डच , बी=ब्रिटिश, डैड =डैनिश, फ=फ्रांसीसी, स =स्वीडिश
⭐ भारत में वस्तुओ की गुणवक्ता खाफी अच्छी थी, भारत से मुख्य रूप से कपास रेशम और मशालों (मिर्च ,लौंग ,इलायची ,दालचीनी) आदि का व्यापार होता था। इनकी भारी मांग से भारत में इनकी कीमतों में बड़ोत्तरी हुई. सभी यूरोपीय व्यापारी भारत के साथ व्यापार करना चाहतें थे लेकिन ऐसा हो नहीं सका। व्यापार के होण में यूरोपीय व्यापारी 1600-1700 तक समय दर समय आपस में लड़ते रहें। इस लड़ाई में अंत में केवल अंग्रेजो को ही भारत के साथ व्यापार का मौका मिलता है।
- अब तक अंग्रेजो के कलकत्ता, मद्रास और बम्बई में ट्रेडिंग पोस्ट लग चुकें थें।
- अंग्रेज अपने ट्रेडिंग पोस्ट कलकत्ता में किलेबंदी करने लगें। इससे वहां के स्थानीय राजाओ को परेशानी होने लगती है.
- भारत में वस्तुओ की कीमत में बड़ोतरी होने लगी।
- ट्रेंडिंग पोस्ट पर किलेबंदी करने लगते है। गोवा, मद्रास और पांडुचेरी आदि में कीलें बनाये और स्थानीय राजा नाराज हुए।
- सत्र 31 दिसंबर 1600 में BEIC (BRITISH EAST INDIA COMPANY) जो ब्रिटिश लोगो के द्वारा भारत के साथ व्यापार करने के लिए बनाई गई कंपनी थी। के लगभग 217 अंग्रेजो ने ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ से चार्टर (एक ही कंपनी के लोगो को व्यापर करने का अधिकार जिसमे सिर्फ अंग्रेज हो) लेने की कोसिस की, जिससे भारत में व्यापर करने का एकाधिकार मिल जाता है।
- 1608 में इंग्लैंड के राजा जेम्स प्रथम ने कैप्टन हॉकिंस(BEIC का कर्मचारी तथा व्यापारी) को जहांगीर (1606 -1627) के दरबार में राजदूत बनाकर भेजा और सूरत में ट्रेडिंग पोस्ट (इंडिया से सामान लिया और सीधे यूरोप भेज देना, यह कंपनी नहीं थी) खोलने की इजाजत लेली। अपने ट्रेडिंग पोस्ट की सुरक्षा के लिए किलेबंदी करने लगें इससे वहां के स्थानीय राजाओ को परेशानी हुई।
- इस तरह अंग्रेजो ने अपनी पहली फैक्ट्री हुगली नदी के किनारे स्थापित की। यह बात सत्र 1651 की है।
- BEIC का मुख्य उद्देश्य भारत से सस्ते दामों में वस्तुओ को खरीदना और ब्रिटेन में महगे दामों में बेचना, यानी मुनाफा कामना था।
- 1492 क्रिस्टोपस कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज
- 1498 वास्कोडिगामा के द्वारा भारत का समुद्री रास्तें की खोज
- 1526 बाबर द्वारा मुग़ल साम्रराज्य की शुरुआत
- 1595 डचो का पुलिकत में आगमन
- 1600 ब्रिटिश महारानी से चार्टर प्राप्त कर लेते है
- 1608 में कैप्टन हाकिंस जहांगीर के दरबार में आया।
- 1615 सर टॉमस रो राजदूत जहांगीर के दरबार में
- 1651 हुगली नदी के किनारे अंग्रेजो के द्वारा प्रथम फैक्ट्री के शुरुआत किराए पर
- 1696 अंग्रेजो ने चारो तरफ कीलें बनाने की शुरुआत की
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- 1492 क्रिस्टोपस कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज
- 1498 वास्कोडिगामा के द्वारा भारत का समुद्री रास्तें की खोज
- 1526 बाबर द्वारा मुग़ल साम्रराज्य की शुरुआत
- 1595 डचो का पुलिकत में आगमन
- 1600 ब्रिटिश महारानी से चार्टर प्राप्त कर लेते है
- 1608 में कैप्टन हाकिंस जहांगीर के दरबार में आया।
- 1615 सर टॉमस रो राजदूत जहांगीर के दरबार में
- 1651 हुगली नदी के किनारे अंग्रेजो के द्वारा प्रथम फैक्ट्री के शुरुआत किराए पर
- 1696 अंग्रेजो ने चारो तरफ कीलें बनाने की शुरुआत की
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