भारत के प्रमुख समाज सुधारक एवं उनकी संस्थाएं। आधुनिक भारत का इतिहास। - AM VIEWS

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Saturday, May 09, 2020

भारत के प्रमुख समाज सुधारक एवं उनकी संस्थाएं। आधुनिक भारत का इतिहास।

प्रमुख समाज सुधारक एवं संस्थाएं :




राजाराम मोहन राय (1772 - 1833 ) - इन्हे भारतीय पुर्नजागरण के पिता(Father of indian Renaissance)के रूप में जनजाता है।
सामाजिक सुधारो के प्रवर्तक के रूप में जनाजाता है।
1828 ईस्वी में ब्रह्मा समाज की स्थापना की थी।
इन्हे कई भाषाओ का ज्ञान था, वेद और उपनिषदो के समर्थक थे।
ये एक ईस्वरवाद को मानते मानते थे(ब्रम्ह समाज में एक ईस्वर को मानते थे।) 1829 ईस्वी में राजाराम मोहन राय विलियम बैटिंग के साथ मिलकर सती प्रथा का अंत करवाया था। और कन्या वध को खत्म किया।
राजाराम मोहन राय  बहु-विवाह का विरोध करतें थे। और विधवा विवाह का समर्थन करतें थे। 

ईश्वर चन्द्र विद्यासागर (1820-1891)- 

  • विधवा पुन: विवाह पर सर्वाधिक जोर दिया | विधवा पुनः विवाह आंदोलन, और 1856 ईस्वी में विधवा पुनः विवाह एक्ट पारित किया था। 
  • महिलाओं की स्थिति में सुधार के लिए कार्य किया। 

  • नारी शिक्षा पर कार्य किया, जैसे→ बैथून स्कूल कोलकाता में खुलवाई, और 35 अन्य स्कूलों की शुरुआत की।

  • पुरुषो पर बहु विवाह का रोक लगाया - पुस्तक बाल्य विवाहेर दोस नाम की बंगाली भाषा में एक पुस्तक बहु विवाह के विरोध में लिखी।

  • 1858 में प्रथम बंगाली राजनैतिक अखबार 'सोम प्रकाश" नामक शुरू किया था। 

देवेन्द्रनाथ टेगौर (1847- 1905) :

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देवेन्द्रनाथ टेगौर रविंद्रनाथ टैगोर की पिता थे।


  •  इन्होने तत्व बोधनी नामक सभा की स्थापना बंगाल में की

  • यह भी ब्रम्ह समाज के समर्थक थे तत्व बोधनी सभा को कुछ दिनों बादब्रम्ह समाज में मिला लेते है। 


केशव चन्द्रसेन(1838-1884):

  • स समय ब्रम्ह समाज  दो भागो में बटा था पहला आदिब्रम्ह समाज(देवेंद्र नाथ टैगोर) दूसरा भारतीय ब्रम्ह समाज इस समाज के अध्यक्ष केशव चंद्र सेन जी थे। 

  • भारतीयब्रम्हसमाज नई-नई चीजों को अपनाना चाहताथा। और  आदिब्रम्ह समाज पुरानि वस्तुओ को अपनाता था। 

  • 1867 ईस्वी में इन्होने प्रार्थना समाज की स्थापना मुंबई में  की। 

स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण मिशन -



अध्यात्म व विज्ञान के समन्वय से ...


  • स्वामी विवेकानंद (1863-1884) के बचपन का नाम नरेंद्र नाथ दत्त था। 
  • स्वामी विवेकानंद सर्वधर्म सम्मलेन शिकागो, 1893 ईस्वी में महाराजा खेतड़ी(राजस्थान के खेतड़ी नामक स्थान के राजा अजित सिंह के कहने पर ) के कहने पर गए थे। 

  • सर्वधर्म सम्मलेन शिकागो से वापस आने पर महाराजा अजित सिंह जो खेतड़ी के थें, नरेंद्र नाथ दत्त का नाम स्वामी विवेकानंद नाम रखा था।  

  • 1896 ईस्वी में तमिलनाडु के वेल्लूर में रामकृष्ण मिशन की शुरुआत की थी। 
  • 1899 ईस्वी में USA में वेदांत सोसाइटी की शुरुआत की थी। 

नोट: अभी तक के सभी समाज सुधारक बंगाल वाले क्षेत्र के थे

महाराष्ट्र के समाज सुधारक-

महात्मा ज्योतिबा फुले(1827-1890 पुणे) और सावित्री बाई फुले(1831-1897) -



जोतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले का ...


  • महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्री बाई फुले दोनों पति-पत्नी थें। महात्मा ज्योतिबा फुले  ने सत्य शोधक समाज की स्थापना की थी। 
  • इन्होने दलित उत्थान पर कार्य किया था। दलितों साथ  हो रहे भेदभाव को खत्म करना चाहते थे । 
  • सभी वर्गो की स्त्रियो की शिक्षा पर ज़ोर दिया था । 
  • विधवा व महिला कल्याण पर काफी जोर दिया था । 
  • 1848 ईस्वी मे प्रथम महिला विद्यालय खोला था, यह विद्यालय भारत का प्रथम महिला विद्यालय था । 
  • ब्रहमन पुरोहितो के मंत्र उच्चारण के बिना ही विवाह की शुरुआत की।
  • सुद्र वर्ग को अपने अधिकारो के प्रति जाग्रत किया ।  
  • दीनबंधु नाम से इन्होने समाचार पत्र की शुरुआत की । 

सावित्री बाई फुले(1831-1897) -

  • महात्मा ज्योतिबा फुले ने अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को पढ़ाकर अपने ही महिला विद्यालय मे शिक्षक के रूप मे नियुक्त किया । 

  •  इस तरह सावित्री बाई फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षक हो गई थी.

  • 1852 ईस्वी मे सावित्री बाई फुले जी ने अछूत बालिकाओ के लिए विद्यालय की शुरुआत कर दी थी । 

गुजरात के समाज सुधारक-

स्वामी दयानन्द (1824-1883) और आर्य समाज -


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  • इन्होने आर्य समाज की स्थापना की थी। 

  • इन्होने वेदो की और लौटो का नारा दिया था। 
  • इन्होने सत्यार्थ प्रकाश नाम की पुस्तक लिखी थी। 
  • इन्होने सिद्दी आंदोलन(घर वापशी) की शुरुआत की थी ।
  • इन्होने LIGHT OF TUTH सत्य का प्रकाश  नाम के लैक्चर की शुरुआत की थी। 

आर्य समाज 1875 ईस्वी । 

  • आर्य समाज एक परमसत्ता मे विस्वास रखतें है । 
  • मूर्ति पुजा का विरोध करते है। आडंबरो और कर्मकांडो का विरोध करतें है ।
  • वेदो के ओर ध्यान दिया जाता था ।वैदिक स्कूलो पर ध्यान था । 
  • आध्यत्मिक बातों (meditation, spritiualism) पर ध्यान दिया। । 
  •  जाती-वाद के विरोधी (anti-cast system) थे।  
  • वैदिक स्कूल में लाइट ऑफ़ ट्रुथ (सत्य का प्रकाश) नाम के लेक्चर की शुरुआत की थी।

विदिशी समाज सुधारक 

थियोफिकल सोसाइटी (Theosophical Society)-


  •  यह एक विदेशी समाज शुधारक आंदोलन था। 
  • थियोसोफिकल सोसायटी theos+sophia नाम के दो सब्दों से मिलकर बना है । जिसका अर्थ सत्य के खोज है । theos का अर्थ ब्रम्ह और sophia का अर्थ विद्या है, अर्थात भगवान को जानना था । 
  • इसकी शुरुआत न्यूयार्क मे 1875 ईस्वी मे Helena Blavatsky और H.S Okott नाम की दो महिलाओ ने की थी । इनहोने फेवियन आंदोलन की शुरुआत की थी यानि समाज मे सभी लोगो के लिए समान अधिकार । 
  • 1879 ईस्वी मे स्वामी दयानन्द जी ने इन दोनों महिलाओ को भारत (मद्रास)बुलाया और कहा आप लोग यहाँ सत्य की खोज करो । 
  • इन दोनों महिलाओ ने कहा- हिन्दू धर्म सभी धर्मो मे क्षेष्ठ है, सत्य इसी मे निहित है । 
एनिबिसेंट
  • एनिबिसेंट जिनका जन्म 1847 को आयरलैड मे हुआ था । 1889 ईस्वी मे ये थियोफिकल सोसाइटी की सदस्य बनी । 
  • 1898 ईस्वी सेंट्रल हिन्दू कालेज बनारस को बनवाने मे एनिबिसेंट ने सहयोग दिया । 
  • 1917 ईस्वी मे INC(INDIAN NATIONAL CONGRESS) की प्रथम महिला सदस्य बनी । और भारत की प्रथम महिला INC अध्यक्ष शरोजनी नायडू थी ।

 प्रमुख समाज सुधारक 
                     सोसायटी का नाम       -ईस्वी -     द्वारा शुरू -   शुरू स्थान 
  • राशियाटिक सोसाइटी -→1784 - विलियम जोन्स →कलकत्ता 
  • आत्मीय सभा - 1815 - राजा राम मोहन राय 
  • ब्रम्ह समाज → 1828 -→राजा RMR 
  • पूना सार्वजनिक सभा -1867 → M.G रानाडे 
  • प्रार्थना समाज - 1867 →केशवचन्द्र सेन M.G रानाडे; आत्माराम पांडुरंग , देवेन्द्र नाथ ठाकुर। 
  •  सत्यशोधक समाज →1873 ज्योतिबा फुले
  • अलीगढ़ मोहम्मद कॉलेज-1875 → सर सैय्यद अहमदखां 
  •  आर्य समाज 1875 → स्वामी दयानंद सरस्वती
  •  थियोसोफिकल सोसायटी→  Helena Blavatsky और H.S Okott
  • INC 1885 A.O हेयूम 
  • रामकृष्ण मिशनस्वामी विवेकानंद 
  • मूस्लिम लीग 1906 → आगा खा और सलीम खां

☆   आधुनिक भारत के इतिहास में घटित प्रमुख युद्ध।


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