Dear readers इस आर्टिकल में जहांगीर के सभी आयामों को कवर किया गया है कृपया इसे जरूर देखें। article को पूरी तरह जाँच कर बनाया गया है, किसी भी त्रुटि के लिये क्षमा चहता हूँ। कृपया अपना सुझाव जरूर दे धन्यवाद !
IN THIS ARTICLE
Mugal badashah Jahangir full history all topics coverd points in hindi. मुग़ल बादशाह जहांगीर का परिचय,जहांगीर के समय अंग्रेज, जहांगीर के समय प्रमुख सैन्य विद्रोह, जहांगीर के काल की निर्माण कार्य/मकबरें
मुग़ल बादशाह जहांगीर (1605 -1627 ईस्वी )-
- जहांगीर के नाम का अर्थ विश्व विजेता था।
- जहांगीर का जन्म 30 अगस्त 1569 ईस्वी को फतेहपुर शिकरी में शेख सलीम चिश्ती की कुटिया में हुआ था।
- इसके बचपन का नाम सलीम था, जिसे अकबर ने सलीम सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के नाम पर रखा था।
- जहांगीर की माँ का नाम मरियम उज्जमानी, जोधाबाई था।
- अकबर सलीम को शेखू बाबा कहकर पुकारताथा।
- जहाँगीर के गुरु का नाम अब्दुल रहीम खान- ए -खाना था।
- 24 अक्टूबर , 1604 ईस्वी को नरुसिद्दीन मुहम्मद जहांगीर बादशाही गाज़ी की उपाधि धारण करके आगरा की गद्दी पर बैठा।
विवाह-
- आमेर शासक मानसिंह की बहन मानबाई से जहांगीर का विवाह हुआ तथा इसके पुत्र का नाम खुशरो था, मानबाई ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी।
- जहांगीर का विवाह जगत गोशाई से हुआ, इसके पुत्र का नाम खुर्रम (शाहजहां ) था, खुर्रम को सबसे खूबसूरत शहजादा कहा जाता था।
- मेहरुन्निशा (नूरजहां) जहांगीर की सबसे बाद की पत्नी का नाम था।
- जहांगीर का इक अन्य विवाह मल्लिका -ए -जहाँ से हुआ था जो राजपूत वंश की थी।
नूरजहां-
- मेहरुन्निशा के पिता का नाम गयाशबेग (ईरान) थे। जहांगीर के समय ईरानियों को काफी उच्य पद प्राप्त था।
- जहांगीर ने गयाशबेग को एत्माउद -उल- दोला की उपाधि दी
- मेहरुन्निशा के पूर्व के पति का नाम अलिकुलबेग (जहांगीर ने शेर -ए -अफगान की उपाधि प्रदान की ) था जिसकी 1607 ईस्वी में मृत्यु हो गई थी।
- मेहरुन्निशा की पुत्री का नाम लाडली बेगम था जिसकी शादी जहांगीर के पुत्र शहरयार से हुई थी।
- मेहरुनिशा की माता का नाम अस्मत बेगम था,जिसके पास गुलाब से इत्र निकलने की विद्या थी।
- जहांगीर के समय में नौरोज का त्यौहार हुआ (इस त्यौहार का प्रारम्भ गयासुद्दीन बलबन के समय हुआ था) इस त्यौहार में जहांगीर मेहरुन्निशा की सुंदरता पर मोहित होकर मेहरुन्निशा से विवाह कर लिया।
- जहांगीर ने मेहरुन्निशा को कहा (तेरे जैसा नूर इस महल /जहाँ में नहीं है ) इस तरह मेहरुन्निशा का नाम नूरजहां तथा नूरमहल पड़ा
- नूरजहां के भाई का नाम आशफ खां था, आशफ खां के पुत्री का नाम अर्जुमंद बानो बेगम(मुमताज) था मुमताज का विवाह जहांगीर के पुत्र खुर्रम (शाहजहां) से हुआ था।
- नूरजहां के सम्मान में जहांगीर ने चांदी के सिक्के चलवाये।
मेहरुन्निशा नूरजहां तथा नूरमहल |
- धीरे-धीरे जहाँगीर के ज्यादातर कामो पर नूरजहां का अधिकार हो गया था।
- नूरजहां शाही फरमानो पर हस्ताक्षर करती थी।
- सिक्को के ऊपर नूरजहाँ का नाम था।
- झरोखा दर्शन (मुग़ल काल में सबसे पहले अकबर ने लागू किया ) देने का काम भी नूरजहां का था।
- नूरजहाँ के जून्टा (व्यक्तियों का समूह) में समूह पिता -एतमाउददौला, माता -अस्मत बेगम, भाई आसफ खां तथा खुर्रम थे।
जहांगीर के समय अंग्रेज (1608 ईस्वी)
- ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने 31 दिसंबर 1600 ईस्वी में ब्रिटैन की महारानी एलिजाबेथ से भारत में व्यापर करने के इजाजत मांग ली। इस समय भारत पर मुग़ल बादशाह अकबर का शासन था।
- कंपनी का आदमी कैप्शन हाकिंस(हेक्टर जहांज)1608 ईस्वी में आगरा जहाँगीर के पास आया, और जहांगीर को फरमान प्राप्त करने के लिए भेट दी।
कैप्शन हाकिंस
- विलियम हाकिंस को मनसबदारी बनाकर फिरंगी खा /इंगलिश खां की उपाधि प्रदान की। कैप्शन हाकिंस को 400 का मनसब प्रदान किया गया।
- हाकिंस गुस्सैल प्रवित का आदमी था उसने जहांगीर से व्यापारिक केंद्र खोलने की अनुमति मांगी और जंहागीर ने उसे व्यापारिक केंद्र खोलने अनुमति नहीं दी। केवल व्यापर करने की अनुमति मिली थी।
- फिर कंपनी ने एक ऐसे यक्ति को ढुढ़ा जो जाकर जहांगीर के सामने थोड़ा रोकर बोले अर्थात सर टॉमस रो, जहांगीर से मिलाने 1615 ईस्वी में अजमेर गया और व्यापारिक केंद्र खोलने के अनुमति मांग लेता है।
- सर टॉमस रो को इंग्लैंड के तत्कालीन राजा जेम्स प्रथम द्वारा जहांगीर के शाही दरबार में राजदूत के रूप में भेजा। यह जहांगीर के दरबार में तीन वर्षो तक रहा था।
सर टॉमस रो |
- ईस्ट इंडिया कंपनी को जहांगीर ने सूरत में कारखाना लगाने की अनुमति प्रदान कर दी थी।
- अन्य यात्री एडवर्ड टैरी तथा फ्रांसिस्को पैल्सर्ट भारत आये थे।
- फ्रांसिको पैल्सर्ट एक डच पर्यटक था जिसने जहांगीर के शासन का मूल्यवान विवरण दिया था।
जहांगीर के समय प्रमुख सैन्य विद्रोह -
1606 ईस्वी में खुशरो का विद्रोह -
- जहांगीर के पुत्र खुशरो के द्वारा जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह किया गया। यह विद्रोह जालंधर भैरवाल नामक स्थान पर हुआ।
- इसमें खुसरो का साथ मिर्जा अजीज कोका तथा मानसिंह ने साथ दिया था।
- खुसरो को आशीर्वाद सिक्खो के पांचवे गुरु अर्जुनदेव ने दिया था।, खुसरो अपने गुरु से गोइंदवाल में मिला था।
- विद्रोह के जवाब में जहांगीर ने खुसरो तथा अर्जुनदेव की हत्या करवा देता है।
खुशरो |
1622 ईस्वी में खुर्रम (शाहजहां) का विद्रोह -
- 1622 ईस्वी में खुर्रम के द्वारा जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह कर दिया गया।
- परवेज(जहांगीर का बेटा) व महावत खां के द्वारा इस विद्रोह का दमन कर लिया जाता है
- खुर्रम(जहांगीर) ने अपने पुत्र दाराशिकोह और औरंगजेब को जहांगीर के पास भेज देता है।
- 1622 ईस्वी में कंधार मुगलों के हाँथ से निकल जाने से यहां पर शाह अब्बाश ने अधिकार कर लिया था।
1626 ईस्वी में महावत खां का विद्रोह-
- महावत खां ने जहांगीर के विरुद्ध विद्रोह करके उसको कैद कर लिया था।
- नूरजहां ने जहांगीर को आजाद करवाया।
- 1627 ईस्वी में जहांगीर की मृत्यु हो जाती है।
जहांगीर के काल की निर्माण कार्य/मकबरें -
मकबरें-
- 28 अक्टूबर, 1627 ईस्वी को भीमवार नामक स्थान पर जहांगीर की मृत्यु हो गई और जहांगीर का मकबरा शाहदरा लाहौर में रावी नदी के किनारे है, इसके मकबरें का निर्माण नूरजहां ने करवाया था।
- जहांगीर ने अकबर के मकबरे का निर्माण (अकबर के डिजाइन के अनुसार) सिकंदराबाद में करवाया, इस मकबरे के खास बात यह है की इसमें मीनारें तो है लेकिन गुम्बद नहीं है।
- मरियन उज्जमानी का मकबरा सिकंदराबाद में बनवाया।
- इत्माद -उल -दौला (ग्याशबेग) का मकबरा आगरा में नूरजहां ने 1626 ईस्वी में बनवाया। इस मकबरे में पियुत्तराद्योरा कला का प्रयोग किया गया है। यह कला ईरान का है, इस कला से बना यह भारत का पहला मकबरा है। अस्मद बेगम को यही पर दफनाया गया था। इत्माद -उल -दौला के मकबरें को बेदाग सफेद संगमरमर से बनवाया गया है। इसलिए इसे बेबी ताज कहा जाता है
एतमादुद्दौला का मकबरा |
- अब्दुर्र रहीम खान -ए- खाना (बैरम खां का पुत्र ) के मकबरें का निर्माण जहांगीर के द्वारा दिल्ली में करवाया गया।
- फतेहपुर शिकारी में स्थित लाला पत्थर से निर्मित शेख सलीम चिश्ती के मकबरें को जहांगीर ने सँगमरमर का करवाया था।
- कश्मीर का सहलीमर बाग़ जहांगीर ने लगवाया था।
मरियम उज़-ज़मानी का मकबरा |
कार्य-
- शासक बनाने के बाद जहांगीर में 12 लोक कल्याण के उद्देश्यो से सम्बंधित आदेशों की घोषणा की।
- जहांगीर के तीसरे आदेश से शराब एवं अन्य मादक पदार्थों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया। एवं पहले आदेश के तहत तमगि नामक कर वसूली पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया।
- जहांगीर ने पशु हत्या पर प्रतिबन्ध गुरुवार (जहांगीर के राज्याभिषेक का दिन) तथा रविवार (अकबर का जन्मदिन) के दिन लगा दिया था।
- जहांगीर ने तम्बाखू के खेती पर निषेद किया।
- जहांगीर ने सर्वप्रथम राजा की आकृत से युक्त सिक्के चलाये थे
- मराठो को उमरावर्ग को सम्मिलित करने वाला जहांगीर प्रथम मुग़ल सम्राट था।
- मनसबदारी प्रथा में दू -अस्पा व सिंह -अस्पा प्रथा का सर्वप्रथम जहांगीर में शुरुआत की।
- न्याय के लिए बादशाह से फरियाद करने के लिए जहांगीर और शाहजहां ने अधिकार प्रदान किये थे।
राजा की आकृत से युक्त सिक्के |
जहांगीर के कॉल की महत्वपूर्ण बातें-
- तम्बाखू की खेती भारत में सबसे पहले जहांगीर के समय प्रारम्भ हुई
चित्रकला -
- जहांगीर का काल चित्रकला के स्वर्णिम काल के लिए जाना जाता है।
- इसके शासन काल में चित्रकला अपने चरमोत्कर्ष पर थी
- जहांगीर ने आगा रजा के नेतित्व में आगरा में एक चित्रण शाला निर्माण करवाया था।
- जो चित्रकला के शत्रु है मै उनका शत्रु हु यह कथन जहांगीर ने कहा था।
- हमजा नाम का सम्बन्ध चित्रकला से है।
- आगा राजा, अबुल हसन, उस्ताद मंसूर,उम्मीद सिंह, दोलत मनोहर, गोवर्धन, विशनदास, मुहम्मद नासिर, मुहम्मद मुराद, तथा फारुख बेग जहांगीर के दरबार के प्रमुख चित्रकार थे।
- मंसूर, पशु ,पंक्षियों का बहुत बड़ा चित्रकार था।
- अबुल हसन ने तुजुक -ए -जहांगीरी के मुख्य पृष्ठ के लिए चित्र बनाया था। यह जहांगीर का सर्वाधिक प्रतिष्ठित चित्रकार था जिसमे जहांगीर की लोगो के साथ बातचीत का वर्णन किया है।
- पहाड़ी स्कूल ,राजपूत स्कूल , मुग़ल स्कूल और कांगड़ा स्कूल चित्रकला की विभिन्न शैलियों को दर्शातें है।
- डचो के प्रभाव के कारण मुग़ल चित्रकला में अग्रसंक्षेपण का सिद्धांत अपनाया हुआ दिखाई देता है
- चित्रकार विशनदास एक हिन्दू चित्रकार था जिसे जहांगीर ने अपने दूत के साथ ईरान के शाह अब्बाश प्रथम का छाया चित्र बनाने के लिए भेजा था। इसी चित्रकार को जहांगीर ने दूताखां आलम के साथ पर्शिया भेजा था।
- उम्मीद सिंह चित्रकारी की कोटा शैली का महान आश्रय दाता था।
- मुग़ल काल के चित्रकार विहजाद को पूर्व का राफेल कहा जाता था।
मंसूर की चित्रकला |
- उस्ताद मंसूर एवं अबुल हसन को जहांगीर ने क्रमश: नादिर -अल -उस एवं नाड़ीरूज्जमा की उपाधि प्रदान के। मंसूर एक चित्रकार था।
- संंस्कृत कवि जगन्नाथ को पंडितराज की उपाधि प्रदान की।
- मेहरून्निशा के पूर्व पति अलिकुलबेग को जहांगीर ने शेर -ए -अफगान की उपाधि प्रदान की
- मेहरुन्निशा को नूरजहां, नूरमहल तथा पट्टमहिषी और बादशाह बेगम की उपाधि प्रदान की।
- जहांगीर ने अपने पुत्र खुर्रम को 1616 ईस्वी में अहमदनगर के वजीर मालिक अम्बर के विरुद्ध हुई सफलता से खुश होकर शाहजहां की उपाधि दी थी।
- जहांगीर ने बीजापुर के शासक आदिलशाह को फरजंद (पुत्र) की उपाधि प्रदान की।
- विलियम हाकिंस को मननसबदारी बनाकर फिरंगी खा /इंगलिश खां की प्रदान की।
- जहांगीर ने चित्रकार अबुल हसन को नादिर -उज -जमां तथा नादीरूज्जमा की उपाधि प्रदान की।
अन्य -
- गोरिल्ला युद्ध पद्धति की शरुआत मालिक अम्बर ने की।
- जहांगीर सोने की बनी न्याय की जंजीर के लिए जाना जाता था। तुजुक -ए -जहांगीरी को पूराकरने का श्रेय मोतबिन्द -खां को जाता है।
- जहांगीर के पांच पुत्र थे 1. खुशरो 2. परवेज 3.खुर्रम 4. शहरयार 5. जहांदार।
- अशोक के कौसाम्बी स्तम्भ पर जहांगीर के लेख उत्कीर्ण है।
- जहांगीर ने अपनी प्रजा को दस्तूर -उल -अमल के नियम को पालन करने को कहा।
- एकबालनामा -ए -जहांगीरी के लेखक मौतमीद खां है।
- जहांगीर ने अपनी आत्मकथा फारशी में लिखी थी।
- जहांगीर प्रथम बादशाह था जो अपने पिता के रहते बादशाह का पद प्राप्त किया।
- मुगलो एवं मेवाड़ के राणा के मध्य चित्तोड़ की संधि जहांगीर के शासनकाल में हस्ताक्षरित हुई।
- जहांगीर मराठो को उमरावर्ग में सम्मिलित करने वाला पहला शासक था।
- बीकानेर के शासक राजा दलपत सिंह को जहांगीर ने पदस्थ किया था।
- शेख अहमद सरहिंदी ने मुग़ल सम्राठ जहांगीर को कैदी बनाया था।
- मैंने अपना राज्य अपनी प्रेमिका के हाँथ एक कप शराब तथा एक कप थाली के लिए बेच दिया है यह कथन जहांगीर ने कहा था।
- मनूची नेअपना जीवन दाराशिकोह के तोपची के रूप में आरम्भ किया था।
- जहाँगीर के सिंहासनारोहण के समय वीर सिंह देव बुंदेला को 3000 मनसब प्राप्त थे।
- अबुल फजल की मृत्यु का कारण जहांगीर था।
- महावत खां ने झेलम नदी के तट पर जहांगीर और नूरजहां को बंदी बनाया था।
गोरिल्ला युद्ध |
No comments:
Post a Comment