Dear readers इस आर्टिकल में Shahajahanb के सभी आयामों को कवर किया गया है कृपया इसे जरूर देखें। article को पूरी तरह जाँच कर बनाया गया है, किसी भी त्रुटि के लिये क्षमा चाहता हूँ। कृपया अपना सुझाव जरूर दे धन्यवाद !
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Mugal badashah Shahajahan full history all topics coverd all points in hindi. मुग़ल बादशाह शाहजहां का परिचय, प्रमुख उत्तराधिकार युद्ध ,शाहजहां के काल के निर्माण कार्य अदि सभी घटनाओ को अंकित किया गया है for all competative exyams.
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शाहजहां परिचय -
- शाहजहां का जन्म 5 जनवरी 1592 ईस्वी को हुआ था।
- शाहजहां के बचपन का नाम खुर्रम था।
- शाहजहां की माता का नाम जगत गोशाई था।
- शाहजहां का विवाह 1612 ईस्वी में आशफ खां की पुत्री अर्जुमंद बानो बेगम (मुमताजमहल) के साथ हुआ था। 7 जून, 1631 ईस्वी को प्रसव पीड़ा के कारण उसकी मृत्यु को गई थी।
- शाहजहां के पुत्रो का नाम दाराशिकोह, शूजा, मुराद तथा औरंगजेब था।
- 4 फरवरी 1628 ईस्वी को शाहजहां ने आगरे में अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरण -ए -सानी की उपाधि प्राप्त कर सिंहासन पर बैठा।
- 8 जून 1658 ईस्वी को औरंजेब ने शाहजहां को बंदी बना कर आगरा के किले में डाल देता है। कैदी जीवन के 8 वे वर्ष 22 जनवरी 1666 ईस्वी को 74 वर्ष की अवस्था में शाहजहां की मृत्यु हो जाती है।
- शाहजहां के काल में सर्वप्रथम बर्नियर नाम का फ्रांसीसी यात्री आया यह एक चिकित्सक था।
ट्रेवेर्नियर फ्रांसीसी यात्री आया यह एक जौहरी(हीरों का काम करने वाला) था।
ट्रेवेर्नियर फ्रांसीसी यात्री आया यह एक जौहरी(हीरों का काम करने वाला) था। |
- मनूची इतावली इतिहासकार था, यह शाहजहां के यहाँ टोप चलने का का काम करता था।
- मनूची शाहजहां के पुत्रो के बिच हुए युद्धो के बारें में लिखा था।
- पीटर मुंडी इंग्लॅण्ड/यूरोपीय यात्री था जिसने आकाल का उल्लेख किया था।
शाहजहां के प्रमुख उत्तराधिकार युद्ध -
- शाहजहां 1658 ईस्वी में शाहजहां बीमार पड़ गया, इससे इसके पुत्रो (दाराशिकोह, शूजा, मूराद और औरंगजेब) में उत्तराधिकार का युद्ध हुआ।
- उस समय शूजा बंगाल में मुराद गुजरात में एवं औरंजेब दक्कन में था।
- शाहजहां ने अपना उत्तराधिकारी दाराशिकोह को नियुक्त किया था।
- दाराशिकोह को शाह बुलंद इकबाल (king of Lofty fortune) के नाम से जाना जाता है।
- शाहजहां के पुत्रो में दाराशिकोह सर्वाधिक विद्वान् था, इसके गुरु का नाम मुल्ला शाह बदख्शी था। इसने भागवत गीता , योगवशिष्ठ उपनिषद एवं रामायण को फारशी भाषा में अनुवाद करवाया था। इसने सर्र -ए -अकबर (महान रहस्य) नाम से उपनिषदों का अनुवाद करवाया था।
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बहादुरपुर(उप्र) का युद्ध (1658 ईस्वी) -
- बहादुरपुर का युद्ध दाराशिकोह और शूजा के बिच हुई जिसमे दाराशिकोह की जीत हो जाती है।
- इस युद्ध में दारा के सेनापति का नाम आमेर के शासक मिर्जा राजा जयसिंह तथा सुलेमान था।
धरमत(मप्र) का युद्ध (1658 ईस्वी)-
- यह युद्ध दारा और औरंजेब के बिच हुआ इस युद्ध में औरंगजेब की जीत हो जाती है।
सामुगण(उप्र) का युद्ध (1658 ईस्वी) -
- यह युद्ध दारा और औरंजेब के मध्य हुई जिसमे औरंजेब के जीत हुई।
खजुआ (बिहार) का युद्ध -इस युद्ध में औरंजेब शुजा को हरा देता है
दौराई का युद्ध 1659 ईस्वी- इस युद्ध में औरंजेब दाराशिकोह को हरा देता है। और इस युद्ध के बाद औरंगजेब मुग़ल वंश का अगला शासक बनता है, इसने शाहजहां को कैद करके आगरा के मुस्समन बुर्ज कैद खाने में डाल देता है और 1666 ईस्वी में शाहजहां की मृत्यु हो जाती है।
- दाराशिकोह को इस्लाम धर्म की अवहेलना करने के आरोप में 30 अगस्त 1659 ईस्वी को हत्या कर दी जाती है।
- शाहजहां का काल स्थापत्य कला का स्वर्णिम काल माना जाता है।
- शाहजहां के स्थापत्य कला में पर्णिम मेहराब तथा अलंकृत मेहराब का प्रयोग प्रारम्भ होता है।
ताजमहल -
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- ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 ईस्वी में शरू हुआ था।
- ताजमहल के निर्माण में 20 वर्ष का समय लगा था।
- ताजमहल आगरा में यमुना नदी के किनारे स्थित है।
- ताजमहल के बारे में बताया जाता है की यह लम्बाई और चौङाई में बिलकुल बराबर है।
- ताजमहल को संगमरमर में स्वप्न कहा जाता है तथा मंच महल को पत्थर में स्वप्न कहा जाता है।
- अपनी बेगम मुमताजमहल की याद में शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण करवाया था।
- ताजमहल मुमताजमहल का मकबरा है।
- ताजमहल के वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी है। और उस्ताद ईसा खां के देखरेख में बनाया गया था।
- ताजमहल मकराना (नागौर/राजस्थान) के सफेद संगमरमर से निर्मित है।
- ताजमहल में चारबाग शैली तथा पियोत्राद्योरा शैली का प्रयोग हुआ है। इसके चारों तरफ दीवारी बनाने का कार्य भी किया गया था।
- नोट : शाहजहां ने मोती मस्जिद का निर्माण आगरे में करवाया जो, पूर्णतयः संगमरमर की बनी हुई है।
शाहजहानाबाद (पुरानी दिल्ली)-
- शाहजहां ने शाहजहानाबाद नाम का नगर बसाया।
- यहाँ पर शाहजहां के द्वारा लाल किले(दिल्ली) का निर्माण करवाया गया। नोट : आगरे के लाल किले का निर्माण अकबर ने करवाया था।
- शाहजहां के द्वारा लाल किले में कई इमारतों का निर्माण करवाया गया जैसे -दीवान -ए -आम, दीवान -ए -खास, शाह बुर्ज और खास महल आदि।
जामा मस्जित -
- शाहजहां ने भारत के सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जित का निर्माण दिल्ली में करवाया।
- आगरा के जामा मस्जिद का निर्माण शाहजहां की पुत्री जहाँआरा ने करवाया था। नोट :जहाँआरा ने चांदनीचौक (दिल्ली) का प्रारूप तैयार किया था।
- जामा मस्जिद को शाने फतेहपुर कहा जाता है।
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मयूर सिंहासन-
- शाहजहां ने मयूर सिंहासन/तख्ते -ताऊस का निर्माण करवाया था।
- शाहजहां ने इस सिंहासन का निर्माण बेबादल खां के द्वारा करवाया था।
- यह सिंहासन दिल्ली के लाल किले के दीवाने आम में रखा गया था।
- इस सिंहासन में कोहिनूर हीरा लगा हुआ था।
- शाहजहां को सुप्रसिद्ध कोहिनूर हीरा मीर जुमला ने दिया था।
- इस सिंहासन के पीछे पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को विणा बजाते हुए चित्रित किया गया है।
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- मयूर सिहासन पर बैठने वाला अंतिम मुग़ल शासक मुहम्मदशाह रंगीला था।
नोट : ईरान का शासक नादिरशाह ने मुग़ल शासक मुहम्मद शाह रंगीला (रोशन अख्तर) पर 1739 ईस्वी में आक्रमण करके मयूरसिंहासन ईरान ले गया। इसी नादिरशाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है। और भारत का नेपोलियन समुद्र गुप्त को कहा जाता है।
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- लाहौर के शालीमार बाग़ को शाहजहां ने पूर्ण करवाया था।
- हुमायूँ के मकबरें को ताजमहल का पूर्वर्ती माना जाता है।
उपाधियाँ-
- मुग़ल सम्राट शाहजहां ने मासिक अनुपात के आधार पर वेतन की प्रथा लागू की।
- शाहजहां ने मनसबदारी व्यवस्था में माहाना जागीर को प्रचलित किया।
- शाहजहां ने लगान वसूली की ढेकेदारी प्रथा की शुरुआत की।
- शाहजहां ने रूपया और दाम के मध्य आना सिक्को का प्रचलन करवाया।
- शाहजहां ने इजारेदारी व्यवस्था का प्रचलन सर्वप्रथम ख़ालिशा भूमि में करवाई।
- 1638 ईस्वी में शाहजहां ने राजधानि को आगरा से दिल्ली स्थानांतरित की थी। और यमुना नदी के दाहिने तरफ शाहजहाँनाबाद की नीव डाली।
- शाहजहां ने बलवन द्वारा प्रारम्भ दरबारी रिवाज सिजदा प्रथा को समाप्त कर दिया था।
- न्याय के लिए बादशाह के सामने शाहजहां और जहांगीर ने फरियाद करने का अधिकार दिया था।
- शाहजहां ने इलाही संवत (अकबर ने शुरू किया) के स्थान पर हिजरी संवत चलाया।
- सिज्दा (घुटने के बल बैठ कर शासक को प्रणाम करना) तथा पैबोस प्रथाएं शाहजहां ने बंद कर दी।
- शाहजहां ने दिल्ली में एक कॉलेज एवं दार्रूल बका नामक कॉलेज के मरम्मत करवाई।
- शाहजहां ने पुर्तागियों से लड़ाई, कंधार को खाया तथा अहमदनगर पर अधिकार आदि महत्वपूर्ण कार्य किए थे।
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- शाहजहां ने औरंजेब को दक्षिण का सूबेदार नियुक्त किया था।
- बनारस एवं इलाहाबाद के तीर्थ यात्रा कर की समाप्ति के लिए कवीन्द्राचार्य ने मुग़ल बादशाह शाहजहां के सामने बनारस के पंडितों का नेतित्व किया था।
- आशफ खां ने खुसरो के पुत्र दावरबक्श को पहले शासक घोषित किया था। शाहजहां दावरबक्श की हत्या करवा देता है।
- शाहजहां का भाई सहरयार को लाहौर का शासक घोषित कर दिया गया था इसलिए शाहजहां ने सहरयार समेत अपने भाइयो की हत्या करवा देता है।
- शाहजहां के दरबार में वंशीधर मिश्र एवं हरिनारायण मिश्र नाम के दो संस्कृत कवि थे।
- ख़ानेजहाँ लोदी ने शाहजहां के शासनकाल में विद्रोह किया था।
- शाहजहां के राजदरबार में कलीम राजकवि था।
- मुहम्मद फकीर एवं मीर हासिम शाहजहां के राजदरबार के प्रमुख चित्रकार थे।
- शाहजहां के दरबार के राजकीय इतिहासकार अब्दुल हमीद लाहोरी थे। इन्होने 20 वर्षो का इतिहास पादशाहनामा में लिखा है।
- दक्कन की भूमि कर व्यवस्था में महत्वपूर्ण सुधर करने वाला अमीर मुर्शिद कुली खां था। इसी को दक्षिण का टोडरमल कहा जाता है।
- शाहजहां ने मीर जुमला को दक्षिण सूबे का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
शाहजहां, महत्वपूर्ण तथ्य -
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