इस अंक मे आपको आधुनिक भारत में घटित प्रमुख युद्ध तथा विद्रोह और आधुनिक भारत में गठित प्रमुख आयोग तथा समितिओ के बारे मे रीड करने को मिलेगा।
आधुनिक भारत में घटित प्रमुख युद्ध,विद्रोह-
सन्यासी विद्रोह (1760 -1800 )-
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यह विद्रोह अंग्रेजो के खिलाप सबसे पहला विद्रोह माना जाता है।
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यह विद्रोह बिहार और बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था।
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इसके नेता केनासरकार और डिर्जिनारायण नाम के व्यक्ति थे।
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बंगाल वाले क्षेत्र के लेखक बंकिमचंद्रचटोपाध्याय ने आनंद मठ नाम की पुस्तक लिखी थी, इस पुस्तक में वन्देमातरम का नारा भी है।
यह विद्रोह अंग्रेजो के खिलाप सबसे पहला विद्रोह माना जाता है।
यह विद्रोह बिहार और बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था।
इसके नेता केनासरकार और डिर्जिनारायण नाम के व्यक्ति थे।
बंगाल वाले क्षेत्र के लेखक बंकिमचंद्रचटोपाध्याय ने आनंद मठ नाम की पुस्तक लिखी थी, इस पुस्तक में वन्देमातरम का नारा भी है।
नीलविद्रोह 1883 ईस्वी -
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यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था।
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इसका नेतित्व तुरुत सिंह ने किया था ।
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इस विद्रोह पर नील दर्पण नाम की पुस्तक लिखी गई ।
यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था।
इसका नेतित्व तुरुत सिंह ने किया था ।
इस विद्रोह पर नील दर्पण नाम की पुस्तक लिखी गई ।
संथाल विद्रोह 1855-1856 ईस्वी -
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यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था।
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यह युद्ध सिद्धु और कान्हु नाम के दो आदिवासीओ ने किया था।
मोपला विद्रोह 1920-1922 ईस्वी -
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यह युद्ध मालाबार और केरल के तट पर हुआ था।
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इस युद्ध का नेतित्व अली और मुसलियार नाम के व्यक्तियो ने किया था।
कूका विद्रोह (पंजाब)-
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इस विद्रोह का नेतित्व भगत जवाहरमल ने किया था।
रंपाओं विद्रोह (1879-1922)-
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यह विद्रोह आँध्रप्रदेश में हुआ था।
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इस विद्रोह का नेतित्वकर्ता सीताराम जाजू थें।
तेभागा आंदोलन 1946 ईस्वी -
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यह विद्रोह बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था।
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इस विद्रोह के नेतित्व कर्ता कंपाराम भवन सिंह थें।
आधुनिक भारत में गठित प्रमुख आयोग-
इनामआयोग (1882 ईस्वी)-
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इस आयोग का गठन डलहौजी के समय हुई थी.
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यह आयोग भूमि सम्बन्धी विवेचना करता था.
हंटर आयोग (1882 ईस्वी )-
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इस आयोग का गठन लार्ड रिपन के समय हुई थी.
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यह आयोग शीक्षा के विकाश के लिए थी।
वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट(1878 ईस्वी)-
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यह अधिनियम लॉर्ड लिटन द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
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वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने और ब्रिटिश नीतियों के प्रति आलोचना की अभिव्यक्ति को रोकने के लिए लागू किया गया था
इल्बर्ट बिल 1883 ईस्वी -
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इल्बर्ट बिल मार्कोस ऑफ रिपन की वाइसरायशिप के दौरान पेश किया गया एक बिल था.जिसे सर कर्टेन पेरेगिन इल्बर्ट (वायसराय काउंसिल के कानून सदस्य) ने लिखा था।
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इल्बर्ट बिल में वरिष्ठ भारतीय मजिस्ट्रेटों को भारत में ब्रिटिश विषयों से जुड़े मामलों की अध्यक्षता करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
बटलर समिति (1927 ई.) -
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भारतीय राज्य समिति ने सर हार्टकोर्ट बटलर की अध्यक्षता में 1927 में एक समिति गठित की थी ।
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इस समिति का गठन परमसत्ता और देशी राजाओं के बीच के संबंधों की जांच और स्पष्टीकरण के लिया किया गया था।
क्रिप्स मिशन मार्च 1942 ईस्वी -
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क्रिप्स मिशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा ब्रिटिश संसद सदस्य तथा मजदूर नेता सर स्टेफ़र्ड क्रिप्स के नेतृत्व में में भारत भेजा गया था, जिसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक गतिरोध को दूर करना था।
कैबिनेट मिशन मार्च, 1946-
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भारत की राजनीति परिस्थिति का अध्ययन करने और समस्या का निदान खोजने के लिए ब्रिटिश संसद ने एक प्रतिनिधिमंडल मार्च, 1946 को भेजा. इस प्रतिनिधिमंडल ने Lord Wavell तथा भारतीय नेताओं से मिलकर एक योजना तैयार की जिसे “कैबिनेट मिशन/Cabinet Mission” के नाम से जाना जाता है.
1854 का चार्ल्स वुड डिस्पैच-
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सर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के “बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल” के सभापति थे। चार्ल्स वुड के डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा गया।
यह विद्रोह बंगाल बिहार वाले क्षेत्र में हुआ था।
यह युद्ध सिद्धु और कान्हु नाम के दो आदिवासीओ ने किया था।
यह युद्ध मालाबार और केरल के तट पर हुआ था।
इस युद्ध का नेतित्व अली और मुसलियार नाम के व्यक्तियो ने किया था।
इस विद्रोह का नेतित्व भगत जवाहरमल ने किया था।
यह विद्रोह आँध्रप्रदेश में हुआ था।
इस विद्रोह का नेतित्वकर्ता सीताराम जाजू थें।
यह विद्रोह बंगाल वाले क्षेत्र में हुआ था।
इस विद्रोह के नेतित्व कर्ता कंपाराम भवन सिंह थें।
इस आयोग का गठन डलहौजी के समय हुई थी.
यह आयोग भूमि सम्बन्धी विवेचना करता था.
इस आयोग का गठन लार्ड रिपन के समय हुई थी.
यह आयोग शीक्षा के विकाश के लिए थी।
यह अधिनियम लॉर्ड लिटन द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट को भारतीय प्रेस की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने और ब्रिटिश नीतियों के प्रति आलोचना की अभिव्यक्ति को रोकने के लिए लागू किया गया था
इल्बर्ट बिल मार्कोस ऑफ रिपन की वाइसरायशिप के दौरान पेश किया गया एक बिल था.जिसे सर कर्टेन पेरेगिन इल्बर्ट (वायसराय काउंसिल के कानून सदस्य) ने लिखा था।
इल्बर्ट बिल में वरिष्ठ भारतीय मजिस्ट्रेटों को भारत में ब्रिटिश विषयों से जुड़े मामलों की अध्यक्षता करने की अनुमति देने की मांग की गई थी।
भारतीय राज्य समिति ने सर हार्टकोर्ट बटलर की अध्यक्षता में 1927 में एक समिति गठित की थी ।
इस समिति का गठन परमसत्ता और देशी राजाओं के बीच के संबंधों की जांच और स्पष्टीकरण के लिया किया गया था।
क्रिप्स मिशन ब्रिटिश प्रधानमंत्री चर्चिल द्वारा ब्रिटिश संसद सदस्य तथा मजदूर नेता सर स्टेफ़र्ड क्रिप्स के नेतृत्व में में भारत भेजा गया था, जिसका उद्देश्य भारत के राजनीतिक गतिरोध को दूर करना था।
भारत की राजनीति परिस्थिति का अध्ययन करने और समस्या का निदान खोजने के लिए ब्रिटिश संसद ने एक प्रतिनिधिमंडल मार्च, 1946 को भेजा. इस प्रतिनिधिमंडल ने Lord Wavell तथा भारतीय नेताओं से मिलकर एक योजना तैयार की जिसे “कैबिनेट मिशन/Cabinet Mission” के नाम से जाना जाता है.
सर चार्ल्स वुड उस समय ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी के “बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल” के सभापति थे। चार्ल्स वुड के डिस्पैच को भारतीय शिक्षा का मैग्नाकार्टा कहा गया।
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