मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का परिचय, कार्यप्राली, उपाधिया सैन्य अभियान, विदेशी यात्री तथा बादशाहो के साथ सम्बन्ध, मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का परिचय, कार्यप्राली, उपाधिया, सैन्य अभियान, विदेशी यात्री तथा बादशाहो के साथ सम्बन्ध, सभी परीक्षाओ की लिए पहतव्पूर्ण|
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मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब [1658 -1707 AD ]
मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब का परिचय-
- औरंगजेब का जन्म उज्जैन के पास दोहद में ३ November 1617 ईस्वी को हुआ था। इसका बचपन नूरजहाँ के पास बीता।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब साही दरवेश , जिन्दा पीर [संत ] कहा जाता है।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के दरबार में सर्वाधिक मनसबदार 33 % थे।
- औरंगजेब की माता मुमताज महल था।
- 1634 ई को शाहजहाँ ने औरंगजेब को दक्क्न का सूबेदार नियुक्त किया था।
- औरंगजेब का विवाह फारस के राजघराने की सहजादी दिलबास बानो बेगम[ाबिया बीबी ] से 18 मई , 1637 ई. में हुआ, जिसकी मृत्यु औरंगाबाद में सं 1657 ईसवी को हो गई| इसको औरंगजेब ने राबिया उडडयरानी की उपाधि दी।
- औरंगजेब दो बार शिंघासनारोहण हुआ पहली बार ३१ जुलाई 1658 को तथा दूसरी बार ५ जून १६५९ ईसवी को।
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मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब मत्वपूर्ण तथ्य -
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को 'जिन्दा पीर दरवेश ' के नाम से जनजाता है
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब वीणा बजने में निपुण था। और इसने संगीत और नृत्य पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। इसी के कॉल में सर्वाधिक फारशी कृतियों की रचना हुई।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के समय में सर्वप्रथम जागीदारी संकट उत्पन्न हुआ।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को उसकी जनता उसे शाही वेश में एक दरवेश/फकीर के नाम से जानती थी.
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के दरबार का राजकीय इतिहासकार का नाम मोहम्मद काजिम था,तथा इसी ने कहा था की जिस प्रकार 'स्पेन के फोरे, ने नेपोलियन को बर्बाद किया उसी प्रकार दक्कन के फोरे, ने औरंगजेब को' बर्बाद किया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के ऐतिहासिक ग्रन्थ के रचनाकार 'भीमसेन सक्सेना कायस्थ 'थे।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब इतिहास के विरुध्द था इसीलिए खाफी खा को 'मुन्तख़ब -उल -लुबाब 'की रचना गुप्त रूप से करनी पड़ी।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की पुत्री जैबुन्निशा ने 'माखी ' नाम से दीवान [कविताओं का संग्रह ] किया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के साम्राज्य में नियक्त 'मुहतसिब ' ये कुछ कार्य करते थे - 1. जुआघरों। वेश्यावृति को नियंत्रित करना, 2 . माप तोल की निगरानी करना, 3 . शरीयत के विरुद्ध कार्य करने से रोकना आदि।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब मराठो का दमन करने में असफल रहा।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने किसी भी ललित कला को प्रोत्साहन नहीं दिया।
औरंगज़ेब के सैन्य अभियान -
बुंदेला का युद्ध [ 2 अक्टूबर, 1635] -
- यह युद्ध औरंगजेब द्वारा लड़ा गया प्रथम युद्ध था जो ओरछा के नरेश जुझार सिंह के विरुद्ध लड़ा गया।
यह युद्ध मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब और अपने भाई दाराशिकोह के बीच लड़ा।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने बीजापुर विजय 1686 ईस्वी में की।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने गोलकुंडा विजय 1697 में की थी।
- मीरजुमला ने आसाम में अहोम जनजाति के विरुद्ध अभियान कीया इस अभिया के बाद मीरजुमला की मृत्यु हो गई।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने बंगाल का गवर्नर शाइस्ता खा को बनाया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने यह का गवर्नर शाइस्ता खा को बनाया बाद में पूना पर शिवजी ने आक्रमण कर दिया।
- मिर्जाराजा जयसिंघ [आमेर] और शिवजी के मध्य 1665 में पुरंदर की संधि हुई।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के विरुद्ध उत्तर भारत का क्रम जाट -बुंदेला-सतनामी -सिख है| यह युद्ध कृषको की समस्या थी। जो सतनामी थे।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने बीजापुर और गोलकुंडा दक्कन के इन्ही दो राज्यों को जीता।
औरंगज़ेब के समय स्थापत्यकला -
मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने बीबी मकबरे का निर्माण करवाया जो उसने अपनी पहली पत्नी ' दिलबास बानो बेगम[ाबिया बीबी ] की याद में बनवाया जो अभी औरंगाबाद में है , यह मकबरा दूसरे ताजमलहल के नाम से जाना जाता है।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने अपनी दूसरी बेगम के मृत्यु पर 1691 ईस्वी में मोती मस्जित [दिल्ली ] का निर्माण करवाया। यह दिल्ली के लाल किले में है।
- मोती मस्जित आगरा का भी निर्माण मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने करवाया था।
औरंगज़ेब की कार्यप्राली, उपाधिया -
उपाधिया -मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब को 'रहमत -अन-निसा ' की उपाधि नवाब बाई ने प्रदान की, तथा 'साहिबात-उज-जमनी ' की उपाधि जहाँआरा ' ने प्रदान की तथा इसे 'आलमगीर ' की उपाधि 1658 में धारण की।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने गोलकुंडा राज्य को आपने साम्राज्य में संयोजित किया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने राजपूत एवं मराठा मनसबदारो की संख्या को जयादा किया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने भारतीय शास्त्रीय संगीत पर सर्वाधिक फारशी कृतियों की रचना की।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने ने गुरु तेगबहादुर को फांसी की सजा 1675 ईस्वी में दी।
- जजिया कर मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने पुनः लागू किया 1679 ईस्वी।
- 1699 ईस्वी में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने हिन्दू मंदिरो को तोरने का आदेश दिया। 1669 ईस्वी में बनारस के विश्वनाथ मंदिर और मथुरा के केशवराय मंदिर को तुड़वाया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने जिहाद को चलाया जिसका अर्थ दार -उल -हर्ब था।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने प्रथा पर प्रतिबंध 1663 ईस्वी में लगाया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने झोरखा दर्शन प्रथा पर प्रतिबन्ध 1669 ईस्वी को लगाया।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब ने ने अपने पिता को ८ वर्ष नजरबन्द आगरा के लाल किले में रखा।
औरंगज़ेब तथा अन्य राजाओ /बादशाहो के साथ सम्बन्ध -
- दादा शिकोह अपने भाई औरंगजेब के साथ संघर्ष में मारा गया।
- गैर मुशलमान अमीरो की संख्या सबसे अधिक मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासनकाल में थे।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की सेना में सर्वधिक् दक्कन अमीर थे।
- मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासनकाल से सम्बंधित संत रामदास है
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